पिछले कुछ सालों में अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर काफी खींचतान रही है। दोनों देशों के बीच अक्सर मुकाबला, बहस और समझौते की कोशिशें चलती रहती हैं। इस सबका सबसे बड़ा कारण है – टैरिफ (Tariff) यानी जो tax किसी सामान को एक देश से दूसरे देश लाने पर लगता है। यह ब्लॉग अमेरिका और चीन के बीच लगे टैरिफ, उनके असर और आगे क्या हो सकता है – इस पर रोशनी डालता है।
थोड़ा इतिहास समझें
अमेरिका और चीन के बीच का व्यापार झगड़ा कोई आज का नहीं है। कई सालों से चीन के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा (Trade Deficit) रहा है, यानी चीन से ज़्यादा सामान अमेरिका में आता है और वहाँ कम जाता है।
2018 में ट्रम्प सरकार ने आरोप लगाया कि चीन intellectual property चोरी करता है और जबरन American companies से technology लेता है। इसके बाद अमेरिका ने चीन के अरबों डॉलर के products पर टैरिफ लगाना शुरू किया। जवाब में चीन ने भी American सामान, जैसे अनाज और मांस पर टैरिफ लगा दिया।
अब की स्थिति – 2024 में
आज भी अमेरिका ने बहुत से Chinese सामानों पर टैरिफ लगा रखे हैं, जैसे – electronics, machinery, और consumer goods। अब Chinese products पर average टैरिफ करीब 19% है। इससे अमेरिका में कई लोगों को सामान महंगा मिल रहा है।
सबसे ज़्यादा असर किन चीज़ों पर पड़ा है?
- Electronics: जैसे मोबाइल और कंप्यूटर – इनके parts पर टैरिफ के कारण कीमतें बढ़ गई हैं।
- Manufacturing: जो factories बाहर से सामान लाकर बनाती हैं, उनकी cost बढ़ गई है।
- Agriculture: अमेरिकी किसानों को नुकसान हुआ क्योंकि चीन ने उनके सामानों पर भी टैरिफ लगा दिए हैं – खासकर सोयाबीन और मक्का।
अर्थव्यवस्था पर असर
टैरिफ ने अमेरिका और चीन – दोनों की economy पर असर डाला है।
अमेरिका में:
- महंगाई (Inflation): आयात महंगा होने से सामान की कीमतें बढ़ गई हैं।
- नौकरी पर असर: कुछ industries को फायदा हुआ, लेकिन जिनकी कमाई चीन से होती थी, उनकी नौकरियाँ गईं।
- Competition: घरेलू कंपनियों को protection मिला, लेकिन ज्यादा protection से innovation कम हो सकता है।
चीन में:
- Factory slowdown: अमेरिकी buyers कम हुए तो चीन की companies की sale गिर गई।
- नया market खोजने की कोशिश: चीन अब दूसरे देशों में सामान भेजने की कोशिश कर रहा है।
आम लोगों पर क्या असर पड़ा?
Consumers, यानी ग्राहक – इन पर भी सीधा असर पड़ा है। अमेरिका में electronics और घर के सामान महंगे हो गए हैं। जो families कम कमाते हैं, उन्हें सबसे ज़्यादा परेशानी होती है।
चीन में भी कुछ American products अब कम मिलने लगे हैं या महंगे हो गए हैं, जिससे लोग दूसरी चीज़ें खरीदने लगे हैं।
Business ने क्या किया?
- Supply chain बदलना: कुछ कंपनियाँ अब दूसरे देशों से सामान ला रही हैं जहाँ टैरिफ नहीं है।
- Technology में investment: खर्च कम करने के लिए machines और नई तकनीक ला रही हैं।
- Government से बात: कंपनियाँ सरकार पर दबाव बना रही हैं कि टैरिफ कम किया जाए।
आगे क्या हो सकता है?
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार का future अभी भी uncertain है। बाइडेन सरकार ने ज्यादा बदलाव नहीं किए हैं लेकिन negotiations (बातचीत) चल रही हैं।
आने वाले समय में हो सकता है:
- बातचीत से कुछ टैरिफ हटें
- दोनों देश कुछ sectors में cooperation करें
- या फिर trade war .